Lalita Vimee

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मेरे चंद अहसास

      (  तन्हां)


तेरे शहर का मौसम,
     मेरे अश्कों सा नम क्यों हैं,
पलट कर जाने वाले,
    तूं खुद तन्हा सा क्यों है।
       विम्मी

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